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पशुपालन

पशुपालन विभाग का उद्देश्य जिले मे पशुधन बढ़ाने एवं दुग्ध उत्पादन मे आवश्यक वृद्धी करना है | लघु /सीमांत एवं भूमिहीन मजदुर राज्य शासन कि योजनाओ का लाभ लेकर पशुपालन कर सके एवं उनके पशुपालन से जिले के दुग्ध उत्पादन मे वृद्धी की जा सके…..
मुख्य योजनाए-

  • नन्दी शाला योजना (अनुदान पर प्रजनन योग्य देशी वर्णित गौसांड का प्रदाय)
  • समुन्नत पशु प्रजनन योजना (अनुदान पर प्रजनन योग्य पेडीग्रिड मुर्रा सांड का प्रदाय योजना सभी वर्ग के लिए)
  • बैंक ऋण एवं अनुदान पर (10+1) बकरी इकाई का प्रदाय(योजना सभी वर्ग के लिए)
  • अनुदान के आधार पर नर बकरा प्रदाय योजना
  • अनुदान के आधार पर वराह (नर सूकर) प्रदाय (योजना केवल अनुसूचित जाति के हितग्राहियों के लिए)
  • अनुदान के आधार पर वराह त्रयी (सूकर त्रयी) का प्रदाय) योजना केवल अनुसूचित जनजाति के हितग्राहियों के लिए)
  • अनुदान पर कुक्कुट इकाई का प्रदाय बिना लिंग भेद के 28 दिवसीय 40 रंगीन चूजों की बैकयार्ड इकाई (योजना केवल अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लिए)
  • अनुदान के आधार पर वराह त्रयी (सूकर त्रयी) का प्रदाय) योजना केवल अनुसूचित जनजाति के हितग्राहियों के लिए)
  • अनुदान पर कडकनाथ चूजे का प्रदाय (योजना केवल अनुसूचित जन जाति केे लिए)
  • वत्स पालन प्रोत्साहन योजना
  • गौसेवक प्रशिक्षण (प्रारंभिक एवं रिफ्रेशर)
  • गोपाल पुरस्कार योजना (यह योजना सभी वर्ग के लिए)
  • पषुधन बीमा योजना
  • मैत्री योजना
  • ग्रामीण बैकयार्ड कुक्कुट विकास